कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बस्तर
POSTED BY :  Shivam ,  PUBLISHED :  10 JAN, 2018    UPDATED :  10 JAN, 2018
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बस्तर
अगर आप एक पर्यटक हैं और कुछ रोमांचक दर्शनीय स्थलों की यात्रा कर रहे हैं, तो प्राचीन कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा जरुर करे। छत्तीसगढ़ में इस नेशनल पार्क को बनाने के लिए बहुत ही रोमांचक चीजों में से कुछ शानदार झरने, सैल ट्रेस, समृद्ध जैव विविधता, गहरे घाटियों, लुप्तप्राय प्रजातियों और छिपी हुई गुफाएं हैं। बस्तर मे प्रकृति के इस उपहार को संरक्षण के लिये आरक्षित अनोखे वन को जुलाई 1982 मे कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। इसके अनछुये एवं वनो के सौंदर्य को देखकर इसे जीवमंडल (बायोस्फियर) रिजर्व भी घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ का कांगेर वैली नेशनल पार्क एशिया का पहला जीवमंडल (बायोस्फियर) रिजर्व है। आरक्षित वन घोषित करने का उद्देश्य जंगल एवं इसके प्राकृतिक मृतप्राय घटको को पुनर्जीवित कर हर हालत मे इसे सुरक्षा प्रदान कर, वन्य प्राणियों के लिये उपयुक्त शरण स्थल प्रदान करना था एवं प्रकृति प्रेमियों एवं पर्यटको के लिये एक आकर्षक का केन्द्र बनाना था। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा एथेनिक पर्यटन स्थल है। यह 200 वर्ग किलोमीटर हरे भरे जंगल से घिरा है। यहाँ सबसे ज्यादा लोकप्रिय भूमिगत कोटमसर गुफा और तीरथगढ़ जलप्रपात है इसके अलावा यहाँ कैलाश, दंडक, देवगिरी, झुमरी, शीत गुफा और मादर कोन्टा की टेकरी में छिपी गुफा भी बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 304 किलोमीटर दूर बस्तर में स्थित है।

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