52 शक्तिपीठ में से एक है रतनपुर का माँ महामाया मंदिर
POSTED BY :  Shivam ,  PUBLISHED :  11 JAN, 2018    UPDATED :  11 JAN, 2018
छत्तीसगढ़ में बिलासपुर से 25 किमी पर स्थित आदिशक्ति माँ महामाया देवी की पवित्र पौराणिक नगरी रतनपुर का इतिहास प्राचीन एंव गौरवशाली है । भारत में देवी माता के अनेक सिद्ध मंदिर हैं, जिनमें माता के 51 शक्तिपीठ सदा से ही श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक महत्व के रहे हैं। इन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रतनपुर स्थित माँ महामाया देवी मंदिर। लगभग 1000 वर्ष प्राचीन श्री आदिशक्ति माँ महामाया देवी का दिव्य एवं भव्य मंदिर दर्शनीय हैं। इसका निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा 11वी शताब्दी में कराया गया था। त्रिपुरी के कलचुरियों की एक शाखा ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाकर दीर्घकाल तक छत्तीसगढ़ में शासन किया । राजा रत्नदेव प्रथम ने मणिपुर नामक गाँव को रतनपुर नाम देकर अपनी राजधानी बनाया । वैसे तो सालभर यहां भक्तों का भीड़ लगी रहती है लेकिन मां महमाया देवी मंदिर के लिए नवरात्री में मुख्य उत्सव, विशेष पूजा-अर्चना एवं देवी के अभिषेक का आयोजन किया जाता है। रतनपुर में स्थित अन्य प्रसिद्ध देवस्थली- श्री काल भैरवी मंदिर, श्री खंडोबा मंदिर, श्री महालक्ष्मी देवी मंदिर, जूना शहर तथा बादल महल, हजरत मूसे खां बाबा का दरगाह, हाथी किला, रामटेकरी, वृद्धेश्वर महादेव मंदिर, गिरजावर हनुमान मंदिर, कण्ठीदेवल मंदिर, बैरागवन एवं बीस दुवारिया मंदिर, श्री रत्नेश्वर महादेव मंदिर, भुवनेश्वर महादेव मंदिर, खूंटाघाट बाँध ।

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